रविवार, 21 अगस्त 2011

आज का चिंतन - उपकार

जो मनुष्य दूसरे का उपकार करता है वह अपना भी उपकार न केवल परिणाम में बल्कि उसी कर्म में करता है क्योंकि अच्छा कर्म करने का भाव अपने आप में एक उचित पुरस्कार है.
               ......सेनेका 

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