शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

संतोषी आदमी को दुःख सुख एक समान होते हैं और दूसरों की आलोचना या प्रशंसा उसे प्रभावित नहीं करती.

बुधवार, 28 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

सहानुभूति ऐसी विश्व-व्यापक भाषा है, जिसे सभी प्राणी समझते हैं.   (संकलित)

मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

संयमी पुरुषों को न तो विषयों में आसक्ति होती है और न वे विषयों के लिए युक्ति करते हैं.  (संकलित)

सोमवार, 26 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

मानव का दानव होना उसकी हार और मानव का  महामानव होना उसकी  जीत है.  (संकलित)

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

जो मनुष्य खूब सोच-विचार कर काम शुरू करता है, आरम्भ किये काम को समाप्त किये बिना नहीं छोड़ता, किसी भी समय काम करने से मुंह नहीं मोड़ता और इन्द्रियों को वश में रखता है, वही पंडित कहलाता है.   (संकलित)

गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

माँ तुम्हारे समर्थ होने तक अपने दिन के २४ घंटे तुम्हें दे देती है, लेकिन तुम उसके बदले में उसको प्रतिदिन उतने मिनट भी नहीं दे सकते?

बुधवार, 21 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

जो अपनी जिव्हा और विचारों पर संयम रखता है वह अपने आपको संतापों से बचाता है.  (संकलित)

मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

ज्ञान से भी ज्यादा कल्पना का महत्व है. ज्ञान की सीमा है, जबकि कल्पना की कोई भी सीमा नहीं है. वह अगाध है.   (संकलित)

सोमवार, 19 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

सत्यता से प्रकाश और स्थिरता कायम रहती है.
......महात्मा गांधी 

शनिवार, 17 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

विचार सदैव महत्वाकांक्षी हो. कार्य सिद्ध न होने पर भी उसे न त्यागो.   (संकलित)

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

कोई भी आपके पास आये, ईश्वर समझ कर उसका स्वागत करो, परन्तु उसके साथ - साथ अपने को भी अधम मत समझो.   (संकलित)

गुरुवार, 15 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

जैसे सूरज का प्रकाश भिन्न भिन्न ग्रहों पर पड़ता है लेकिन उसके प्रकाश में कोई अंतर नहीं होता, उसी प्रकार ईश्वर विभिन्न जीवों में निवास करता है लेकिन उसमें कोई अंतर नहीं होता.   (संकलित)

बुधवार, 14 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

जो हम से धन, संपत्ति, सुख-सुविधा, मान-सम्मान, पूजा-सत्कार आदि कुछ भी चाहता है, वह हमारा कल्याण नहीं कर सकता.   (संकलित)

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

शोक करने वाला मनुष्य न तो मरे हुए के साथ जाता है और न स्वयं ही मरता है. जब दुनियां की यही स्वाभाविक रीति है, तो आप किसके लिए बार बार शोक करते हो.  (संकलित) 

सोमवार, 12 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

सेवा करने वाला हाथ स्तुति करने वाले होठों की अपेक्षा अधिक पवित्र है.  (संकलित)

शनिवार, 10 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

इन मकानों, हवेलियों और ऊंचे ऊंचे महलों में अपने मन को मत लगा।  तेरे ऊपर बिन तोल मिट्टी पड़ेगी, तब वहाँ तेरा कोई मित्र नहीं होगा।    (संकलित)

शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

जब तक तुम्हें अपना सम्मान और दूसरे का अपमान सुख देता है, तब तक तुम अपमानित ही होते रहोगे। 
......... हनुमान प्रसाद पोद्दार 

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

आप दूसरों को तभी ऊपर उठा सकते हैं, जब आप स्वयं ऊपर उठ चुके हों.
.........शिवानन्द 

बुधवार, 7 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

दरिद्रता प्रकट करना दरिद्र होने से अधिक दुखदायी है.
........प्रेम चंद

मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

दुःख आने पर मुस्कराओ. उसका सामना कर के विजयी होने का साधन इसके समान कोई नहीं है.
.......तिरुवल्लुवर 

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी कठिनाइयों के बारे में सोचेंगे तो वह कार्य कभी भी पूरा नहीं होगा. इसलिये कार्य को पूरा करके ही दम लेना चाहिए.  (संकलित)

रविवार, 4 दिसंबर 2011

शनिवार, 3 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

सत्य और अहिंसा ही मनुष्य को सही मायने में मानव बनाते हैं.
........महात्मा गाँधी 

गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

मार्गों के किनारे पर वृक्ष हैं और हर मार्ग में पथिक उसका आश्रय लेते हैं, लेकिन ऐसा वृक्ष विरला ही होता है जिसका स्मरण पथिक घर पहुँच कर भी करता है.
.........पं. राज जगन्नाथ