गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

माँ तुम्हारे समर्थ होने तक अपने दिन के २४ घंटे तुम्हें दे देती है, लेकिन तुम उसके बदले में उसको प्रतिदिन उतने मिनट भी नहीं दे सकते?

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