सद् वचन
नया दिन, नया विचार
गुरुवार, 1 दिसंबर 2011
आज का चिंतन
मार्गों के किनारे पर वृक्ष हैं और हर मार्ग में पथिक उसका आश्रय लेते हैं, लेकिन ऐसा वृक्ष विरला ही होता है जिसका स्मरण पथिक घर पहुँच कर भी करता है.
.........पं. राज जगन्नाथ
1 टिप्पणी:
Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता
1 दिसंबर 2011 को 11:40 am बजे
वैसा वृक्ष बन पाना बड़ा सौभाग्य है |
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वैसा वृक्ष बन पाना बड़ा सौभाग्य है |
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