सद् वचन
नया दिन, नया विचार
बुधवार, 31 अगस्त 2011
आज का चिंतन - नम्रता
जो ज़मीन पर बैठता है, उसे कौन नीचे बैठा सकता है ? जो सब का दास बनता है, उसे कौन दास बना सकता है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें