शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

आज का चिंतन - प्रशंसा

"दूसरा व्यक्ति तुम्हारी प्रशंसा करे, न कि तुम्हारा अपना मुख, कोई अपरिचित मनुष्य, न कि तुम्हारे अपने होठ."  ...(संकलित)

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