गुरुवार, 30 जून 2011

आज का चिंतन - उदारता

जिसमें उदारता है, उसे वीरता की आवश्यकता नहीं.
              ...........शेख सादी 

आज का चिंतन - संतोष

अपनी डिगनिटी को बनाये रखने के लिए मैं सदा संतोष की धूप में खड़ा रहता हूँ और स्वयं को इच्छाओं की छाया से दूर रखता हूँ.
                     ...........ब्रह्मकुमार 

बुधवार, 29 जून 2011

आज का चिंतन - प्रेम

जीवन प्रेम है, और जब मनुष्य दूसरों के प्रति भलाई करना बंद कर देता है तो उसकी आध्यात्मिक मृत्यु हो जाती है.
                                ..............विवेकानंद

मंगलवार, 28 जून 2011

आज का चिंतन - वृद्ध

काम करने वाला मरने से कुछ घंटे पूर्व ही वृद्ध होता है.
       ......वृंदावन लाल वर्मा 

सोमवार, 27 जून 2011

आज का चिंतन - भगवत्प्रेम

"भगवान को पाया जा सकता है - ठीक जैसे मैं तुम्हें देख रहा हूँ और तुमसे बात कर रहा हूँ. पर इसके लिए परिश्रम कौन करना चाहता है ? लोग स्त्री के लिए, संतान के लिए या संपत्ति के लिए रोते हैं. पर भगवत्प्रेम के कारण कौन रोता है ? पर अगर कोई सच्चे ह्रदय से भगवान् के लिए रोये तो वह अवश्य भगवान को प्रत्यक्ष पा सकेगा."
               .........रामकृष्ण परमहंस 

रविवार, 26 जून 2011

आज का चिंतन - सेवाभाव

दुनिया में रहते हुए भी सेवाभाव से और सेवा के लिए ही जो जीता है, वह सन्यासी है.
                                            ......महात्मा गांधी 
                                                                                                                                                             

शनिवार, 25 जून 2011

आज का चिंतन - तक़दीर और तदबीर

तक़दीर और तदबीर दोनों कार्यकारी हैं. भाग्य और पुरुषार्थ एक दूसरे के आश्रित हैं. आप आज जो पुरुषार्थ करते हैं वही कल आपका भाग्य बन जाएगा और जैसा आपका भाग्य है वैसा ही आपका पुरुषार्थ बन जाएगा.
                                              .....अशोक मुनि