"भगवान को पाया जा सकता है - ठीक जैसे मैं तुम्हें देख रहा हूँ और तुमसे बात कर रहा हूँ. पर इसके लिए परिश्रम कौन करना चाहता है ? लोग स्त्री के लिए, संतान के लिए या संपत्ति के लिए रोते हैं. पर भगवत्प्रेम के कारण कौन रोता है ? पर अगर कोई सच्चे ह्रदय से भगवान् के लिए रोये तो वह अवश्य भगवान को प्रत्यक्ष पा सकेगा."
.........रामकृष्ण परमहंस
ati sunder aur satya bhi....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ...आपके ब्लॉग पर तो बड़ी अच्छी बातें हैं...... सादर
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