शनिवार, 30 जुलाई 2011

आज का चिंतन - शील

शील मानव जीवन का अनमोल रत्न है. उसे जिस मनुष्य ने खो दिया उसका जीना ही व्यर्थ है. वह चाहे जितना धनी अथवा भरे पूरे घर का हो, उसका कोई मूल्य नहीं रहता.
          .....वेदव्यास 

शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

आज का चिंतन - शिक्षा

शून्य ह्रदय वालों को शिक्षा देना सफल नहीं होता. मलायाचल पर्वत का बांस चन्दन के संसर्ग से चन्दन नहीं बन पाता.
          .....चाणक्य

गुरुवार, 28 जुलाई 2011

आज का चिंतन - दुर्जन

दुर्जनों के साथ मैत्री और प्रेम कुछ भी नहीं करना चाहिए.
          .........हितोपदेश 

सोमवार, 25 जुलाई 2011

आज का चिंतन - प्रेम

प्रेम करने वाला पड़ोसी दूर रहने वाले भाई से कहीं उत्तम है.
               .....चाणक्य 

रविवार, 24 जुलाई 2011

आज का चिंतन - विश्राम

विश्राम करने का समय वही होता है, जब तुम्हारे पास उसके लिये समय न हो.
         ...अज्ञात 

शनिवार, 23 जुलाई 2011

आज का चिंतन - उपहार

शत्रु को उपहार देने योग्य सर्वोत्तम वस्तु है-क्षमा, विरोधी को सहनशीलता, मित्र को अपना ह्रदय, शिशु को उत्तम द्रष्टान्त, पिता को आदर और माता को ऐसा आचरण जिससे वह तुम पर गर्व करे, अपने को प्रतिष्ठा और सभी मनुष्य को उपकार.
                .......वालफोर

शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

आज का चिंतन - धन का सदुपयोग

धन का उपयोग करने में प्राय दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें सदैव ध्यान में रखना चाहिये. पहली, अपात्र को धन देना और दूसरी, सुपात्र को धन न देना.
               .....अज्ञात 

गुरुवार, 21 जुलाई 2011

आज का चिंतन - अंतःकरण

अंतःकरण अंदर की वह आवाज है जो हमें चेतावनी देती है कि कोई देख रहा है.
          ....अज्ञात 

बुधवार, 20 जुलाई 2011

आत्म चिंतन - सच्चा ज्ञानी

सच्चे ज्ञानी के लिये सभी सांसारिक वस्तुएँ एक समान होती हैं. पत्थर, कोयला, रेत, लोहा और सोना सबको वह तिनके के बराबर देखता है.
                     .....अज्ञात 

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

आज का चिंतन - स्वार्थ

कभी कभी समय के फेर से मित्र शत्रु बन जाता है और शत्रु भी मित्र हो जाता है, क्योंकि स्वार्थ बड़ा बलवान है.
              ....वेदव्यास   

सोमवार, 18 जुलाई 2011

आज का चिंतन - अपमान

मृत्यु का दुःख तो अल्प समय तक ही रहता है, किन्तु अपमान का आघात हर क्षण कचोटने वाला होता है.
                   ........अज्ञात 

रविवार, 17 जुलाई 2011

आज का चिंतन - अमृत और मृत्यु

अमृत और मृत्यु, दोनों इस शरीर में स्थिर हैं. मनुष्य मोह से मृत्यु और सत्य से अमृत को प्राप्त होता है.
          ......अज्ञात 

शनिवार, 16 जुलाई 2011

आज का चिंतन - आत्मज्ञान

हम यह तो जानते हैं कि हम कौन हैं? क्या हैं? लेकिन दुर्भाग्य से यह नहीं जानते कि हम क्या हो सकते हैं.

शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

आज का चिंतन - सफलता

बड़ी सफलताओं के द्वार छोटी-छोटी सफलताओं से खुलते हैं. छोटी मंजिलें फतह करना शुरू कीजिये, एक दिन आप पायेंगे कि बड़ी मंज़िल स्वयं ही आपके द्वार पर आगई है.
                     ......अज्ञात 

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

आज का चिंतन - संसार

हम इस संसार को ठहरने का घर बनाकर बैठे हैं, किन्तु यहाँ से तो नित्य चलने का धोखा बना रहता है.

बुधवार, 13 जुलाई 2011

आज का चिंतन - आत्मविश्वास

आत्मविश्वास बढाने का तरीका यह है कि तुम वह काम करो जिसे तुम करते हुए डरते हो. इस प्रकार ज्यों-ज्यों तुम्हें सफलता मिलती जाएगी, तुम्हारा आत्मविश्वास बढता जाएगा.
                       ............डेल कारनेगी

मंगलवार, 12 जुलाई 2011

आज का चिंतन - विरोध और आंदोलन

हर सुधार का कुछ न कुछ विरोध अनिवार्य रूप से होता है. परन्तु विरोध और आंदोलन, एक सीमा तक, समाज में स्वास्थ्य के लक्षण होते हैं.
                             ..........महात्मा गांधी 

सोमवार, 11 जुलाई 2011

आज का चिंतन - धार्मिक सहिष्णुता

ईसाई को हिंदू या बौद्ध बनाना अथवा हिंदू या बौद्ध को ईसाई बनाना आवश्यक नहीं. परन्तु प्रत्येक को दूसरे की भावना आत्मसात करनी है और साथ ही अपना वैशिष्ट्य अक्षुण रखते हुए अपने ही नियमों के अनुसार विकास करना है. सर्व धर्म सम्मलेन ने यह सिद्ध कर दिया है कि धार्मिकता, पवित्रता और सहिष्णुता विश्व के किसी एक मठ की बपौती नहीं है और प्रत्येक व्यवस्था ने उदार चरित्र अन्यतम नर एवं नारी उत्पन्न किये हैं - प्रत्येक धर्मपताका पर अब प्रतिरोध के स्थान पर अंकित होगा 'लड़ो नहीं, साथ दो ' खंडन नहीं - संगम, समन्वय और शान्ति - विग्रह नहीं.
                      ...........स्वामी विवेकानंद 

रविवार, 10 जुलाई 2011

आज का चिंतन - लोक निंदा

लोक निंदा का भय इसलिए है कि हमें बुरे कार्यों से बचाती है. अगर वह कर्तव्य में बाधक हो, तो उससे डरना कायरता है.

शनिवार, 9 जुलाई 2011

आज का चिंतन - दुःख और सुख

आप दुखी इस लिये होते हैं क्योंकि स्तिथियों को अपने अनुकूल निर्धारित करना चाहते हैं. स्तिथियों को अपने हाल पर छोड़ दीजिए और तटस्थ द्रष्टा बनकर देखिये. अपने भीतर असीम सुख का अनुभव करेंगे.

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

आज का चिंतन - आत्म ज्ञान

मैं कौन हूँ और कौन नहीं, इसको जानने में मैंने बहुत सी चीजें जान ली हैं. और वह कौन है और कौन नहीं, इसी को जानने में बहुत सी चीजें मैंने खो दी हैं.

गुरुवार, 7 जुलाई 2011

आज का चिंतन - शान्ति के लिये

यदि व्यक्ति को शान्ति चाहिए तो उसे शान्त रहने से कोई रोक नहीं सकता, क्योंकि शान्ति के लिये कुछ करना नहीं पडता. सिर्फ़ जो कर रहे हो, जिसके कारण अशान्ति है, उसे करना बंद करो. बस फिर शान्ति ही शान्ति है.
                              

बुधवार, 6 जुलाई 2011

आज का चिंतन - खुशी

किसी की खुशियों के पल में भागीदार बनना आसान है, लेकिन हमें उसकी खुशियों का कारण बनने की कोशिश करनी चाहिए. दूसरों के कठिन समय में उनकी भावनाओं को साझा करो, लेकिन कभी उनकी कठिनाइयों का कारण न बनो.
                                  ...........अज्ञात 

मंगलवार, 5 जुलाई 2011

आज का चिंतन - शांति पथ

सुख और दुःख, दोनों ही सहन करने के लिये हैं. हम उन्हें समान भाव से ग्रहण करें, तभी शान्ति मिल सकती है.
                             ..........स्वामी विश्वेश्वरानंद 

सोमवार, 4 जुलाई 2011

आज का चिंतन - बुद्धिमत्ता

कम पढना और ज्यादा सोचना, कम बोलना और ज्यादा सुनना, यही बुद्धिमान बनने का उपाय है.
                   ......रवीन्द्रनाथ ठाकुर