शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

आज का चिंतन - विश्राम

"विश्राम करने का समय वही होता है, जब तुम्हारे पास उसके लिये समय न हो."
...(संकलित)

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

आज का चिंतन - संपत्ति

"यह संपत्ति क्या है ? केवल कुछ चीजें, जिन्हें तुम इस भय से कि इनकी कल तुम्हें जरूरत पड़ सकती है, संचित करते हो और जिनकी रखवाली करते हो."
....(संकलित)

बुधवार, 28 सितंबर 2011

आज का चिंतन

"दूसरे को सुधारने का अहंकार पालने से अच्छा है हम अपने आपको सुधारें। सदमार्ग पर चलने का संकल्प लें।"
   ... (संकलित) 

मंगलवार, 27 सितंबर 2011

आज का चिंतन

इस अपार संसार में आज एक, प्रात काल दूसरे तथा अगले दिन अन्य चले जाते है. शोक करने के लिये कौन स्थिर हैं.
      ....अज्ञात 

सोमवार, 26 सितंबर 2011

आज का चिंतन

" जब तक करोड़ों जन भूख और अज्ञान से पीड़ित जीवन बिताते रहेंगे, मैं ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को देश-द्रोही कहूंगा जो उन्ही के पैसों से शिक्षा प्राप्त करके फिर उनकी ओर देखता तक नहीं. "
       ......विवेकानन्द
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रविवार, 25 सितंबर 2011

आज का चिंतन

" किसी की बात को इस लिए नहीं ग्रहण करो कि मैंने वह कही है. स्वयं परीक्षा करके देखो."
          ......रामकृष्ण परमहंस 

शनिवार, 24 सितंबर 2011

आज का चिंतन

संपत्ति से नहीं, सद्बुद्धी और सत्प्रव्रतियों से असली उन्नति होती है. (संकलित)

शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

आज का चिंतन

" जो व्यक्ति अहंकारग्रस्त होकर अपने मुख से ही स्वयं को 'भगवान का अवतार ' बता कर अपनी पूजा कराकर लोगों को स्वर्ग भेजने की गारंटी लेता है, वह धार्मिक शोषण के पाप का भागी बनाता है। "
       ......अज्ञात 

गुरुवार, 22 सितंबर 2011

आज का चिंतन - आत्मानंद

कार्य करने की शक्ति व्रद्धावस्था में कम होगी ही. लेकिन उसके बदले ध्यान शक्ति बढ़ाई जा सकती है.  यह प्रयोग सध गया तो कर्म शक्ति की पूर्ती हो जायेगी और आत्मानंद का लाभ मिल सकता है.
      .....अज्ञात 

बुधवार, 21 सितंबर 2011

मंगलवार, 20 सितंबर 2011

आज का चिंतन

शांति से क्रोध को जीतें, मृदुता से अभिमान को जीतें. सरलता से माया को जीतें, संतोष से लोभ को जीतें.

सोमवार, 19 सितंबर 2011

आज का चिंतन - संसार

संसार ही युद्ध क्षेत्र है. इससे पराजित होकर शस्त्र अर्पण करके जीने से क्या लाभ ?

रविवार, 18 सितंबर 2011

आज का चिंतन

मैं परदेसी काहि पुकारों, इहां नहीं को मेरा । 
यह संसार ढूंढि सब देख्या, एक भरोसा तेरा॥
       ...... कबीर

शनिवार, 17 सितंबर 2011

आज का चिंतन - ईश्वर प्राप्ति

मैंने पाया है कि सभी एक ही ईश्वर की ओर बढ़ते हैं यद्यपि अलग अलग मार्गों से. तुम्हें एक साथ ही सब विश्वास परखने और सब मार्ग पार करने चाहिए. मैं जिधर देखता हूँ लोगों को धर्म के नाम पर झगडते हुए पाता हूँ - हिंदू मुसलमान, ब्राह्मण वैष्णव वगैरह- पर वे लोग यह नहीं देखते कि जिसे कृष्ण कहा जाता है उसी को शिव कहा जाता है, वही आद्या शक्ति है, वही ईसा और अल्लाह भी-वही सहस्त्र नामधारी राम भी. एक ही ताल के अनेक घाट हैं. एक से हिंदू घड़ा भरते हैं वह जल होता है, दूसरे से मुसलमान मशक भरते हैं वह पानी होता है, तीसरे से ईसाई जो लेते हैं वह वाटर कहलाता है. क्या हम कल्पना भी कर सकते हैं कि वह द्रव जल नहीं है केवल पानी या वाटर है ? कैसी मूर्खता होगी वह ! एक ही तत्व के अनेक नाम हैं, हर कोई एक ही परमतत्व की तलाश में है. देश, काल, स्वभाव, नाम बदलते हैं, पर तत्व नहीं बदलता. प्रत्येक अपने अपने मार्ग से चले, अगर उसमें सच्चाई और लगन है तो उसका कल्याण हो - उसे अवश्य भगवान मिलेंगे.
             .......रामकृष्ण परमहंस 

शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

आज का चिंतन

अगर तुम उसे न पा सको जिसे तुम चाहते हो, तो उसे ज़रूर पा लेना जो तुम्हें चाहते हैं, क्यों कि चाहने से चाहे जाने का एहसास ज्यादा ख़ूबसूरत है.
     ......हज़रत अली 

बुधवार, 14 सितंबर 2011

आज का चिंतन

किसी शब्द का प्रयोग तब करो, जब समझ लो कि कोई दूसरा शब्द इस पर विजए प्राप्त नहीं कर पायेगा.

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

आज का चिंतन - अपमान

मृत्यु का दुःख तो अल्प समय तक ही रहता है, परन्तु अपमान का आघात हर समय चोट करने वाला होता है.

सोमवार, 12 सितंबर 2011

आज का चिंतन - ईश्वर

ईश्वर के लिए कोई प्रिय अप्रिय, अपना पराया नहीं है. उसके लिए सभी प्राणी प्रिय हैं, क्यों कि वे सब उसकी आत्मा हैं.

रविवार, 11 सितंबर 2011

आज का चिंतन

अपने दुश्मन को हजार मौके दो कि वो तुम्हारा दोस्त बन जाए, और अपने दोस्त को एक भी ऐसा मौका न दो कि वो तुम्हारा दुश्मन बन जाए.

शनिवार, 10 सितंबर 2011

आज का चिंतन

बाहर के कौतूहलों को देखने भर से किसी की प्यास नहीं बुझती, देखने योग्य भीतर है। उसी को खोजो और भावनापूर्वक देखो।

शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

आज का चिंतन - सफलता

जीवन में वे ही सफल होते हैं जो दूसरों की गलतियों से सीख लेकर अपने जीवन में उसे नहीं दुहराते हैं।

गुरुवार, 8 सितंबर 2011

आज का चिंतन - क्रोध

क्रोध हमारी स्वाभाविक मन स्तिथि नहीं है. अपनी इच्छा के विपरीत जब हमें कुछ होता हुआ दिखता है तो हम क्रोधित हो जाते हैं. हम यह समझने की कोशिश क्यों नहीं करते की हम ईश्वर नहीं हैं, जो सब कुछ हमारी इच्छा से होगा.

बुधवार, 7 सितंबर 2011

आज का चिंतन - खुशी

ज़िंदगी की असल खूबसूरती यह नहीं की आप कितने खुश हैं, बल्कि ज़िंदगी की असल खूबसूरती तो यह है की दूसरे आप से कितने खुश हैं। 

मंगलवार, 6 सितंबर 2011

आज का चिंतन - महानता

मैं देखता हूँ की जैसे जैसे आयु बीतती जाती है, वैसे-वैसे मैं नगण्य वस्तुओं में और भी महानता खोजता जाता हूँ। श्रेष्ठ पद पर आसीन होने से तो हर कोई महान हो जाएगा। कायर भी रंगमंच के प्रकाश में खड़ा कर दिया जाये तो साहस प्रदर्शित करेगा....संसार देख रहा है। मुझे तो सच्ची महानता अनवरत, अहर्निश, निशब्द अपना काम करते कृमि में अधिकाधिक स्पष्ट दिखायी दे रही है।
        .....स्वामी विवेकानंद 

सोमवार, 5 सितंबर 2011

आज का चिंतन - मोह

जीवन एक यात्रा है। यात्रा में हम रास्ते की वस्तुओं और लोगों से मोह नहीं पालते। इसलिये वास्तविक जीवन में वस्तुओं और लोगों से मोह कैसा ?

रविवार, 4 सितंबर 2011

आज का चिंतन - सम्मान

मेरा सम्मान ही मेरा जीवन है, दोनों एक साथ बढ़ते हैं. मेरा सम्मान नष्ट कर दोगे तो मेरा जीवन भी नष्ट हो जाएगा.

शनिवार, 3 सितंबर 2011

आज का चिंतन

अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति कभी अपमानित नहीं होता. स्वेच्छाचारी तथा मर्यादाहीन को पग पग पर अपमान का भय सताता रहता है.

शुक्रवार, 2 सितंबर 2011

आज का चिंतन

यदि तुम सूर्य को खो बैठने पर आंसू बहाओगे तो तारों को भी खो बैठोगे .

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

आज का चिंतन

बुरे विचारों से बचने का एक अमोघ उपाय राम नाम है. लेकिन यह नाम कंठ से नहीं, ह्रदय से निकलना चाहिए.
             ........महात्मा गांधी