सोमवार, 12 सितंबर 2011

आज का चिंतन - ईश्वर

ईश्वर के लिए कोई प्रिय अप्रिय, अपना पराया नहीं है. उसके लिए सभी प्राणी प्रिय हैं, क्यों कि वे सब उसकी आत्मा हैं.

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