जो ज़मीन पर बैठता है, उसे कौन नीचे बैठा सकता है ? जो सब का दास बनता है, उसे कौन दास बना सकता है.
बुधवार, 31 अगस्त 2011
मंगलवार, 30 अगस्त 2011
सोमवार, 29 अगस्त 2011
रविवार, 28 अगस्त 2011
आज का चिंतन - आलोचना
अगर आपकी आलोचना हो रही हो तो अपनी आँखें बंद करें और महसूस करें कि आपको कैसा लग रहा है. उस भावना को सम्मान से स्वीकार करें. आप कम आहत महसूस करेंगे.
......चेतन भगत
......चेतन भगत
शनिवार, 27 अगस्त 2011
आज का चिंतन - दुःख और सुख
व्यक्ति तभी तक दुखी रहता है, जब तक वह अपने को दुखी मानता है. दुखी वही है जो कर्म पर विश्वास नहीं करते. प्राणी दुखी इसी कारण से है कि जो वह चाहता है वह मिलता नहीं हैं, जो मिलता है वह भाता नहीं है. वही दुखी है. सुखियों को देखकर प्रसन्न होना तथा दुखियों को देखकर करुणा से द्रवित होजाने वाला ही सच्चा वैष्णव है.
शुक्रवार, 26 अगस्त 2011
आज का चिंतन - उपकार का भार
हम सूखी रोटी से संतोष करेंगे, क्योंकि अपने कष्टों का भार लोगों के उपकार के भार से अच्छा है.
गुरुवार, 25 अगस्त 2011
आज का चिंतन - बल का अहंकार
कमज़ोर तो हारते ही हैं, किन्तु कभी कभी बलशाली बुरी तरह हारते हैं. बल का अहंकार ही उनके हारने का कारण हो जाता है.
...अज्ञात
बुधवार, 24 अगस्त 2011
आज का चिंतन - उत्साह
जिनके ह्रदय में उत्साह होता है, वे पुरुष कठिन से कठिन कार्य आ पडने पर हिम्मत नहीं हारते.
.....वाल्मीकि
.....वाल्मीकि
सोमवार, 22 अगस्त 2011
आज का चिंतन - मनुष्य शरीर
यह मनुष्य जीवन अनेकानेक जन्मों के पश्चात प्राप्त होता है और, यद्यपि यह अनित्य ही है, यह परम पुरुषार्थ की प्राप्ति करा सकता है. अतः एक शांत और बुद्धिमान पुरुष को तत्काल ही जीवन का लक्ष्य पूर्ण करने का प्रयत्न करना चहिये और अगली म्रत्यु आने के पूर्व जीवन के परम पुरुषार्थ की प्राप्ति कर लेनी चहिये. उसे इन्द्रिय तृप्ति से बचना चहिये, क्यों कि वह तो सभी अवस्था (योनियों) में प्राप्त हो सकती है.
श्रीमदभागवत (११.९.२९)
श्रीमदभागवत (११.९.२९)
रविवार, 21 अगस्त 2011
आज का चिंतन - उपकार
जो मनुष्य दूसरे का उपकार करता है वह अपना भी उपकार न केवल परिणाम में बल्कि उसी कर्म में करता है क्योंकि अच्छा कर्म करने का भाव अपने आप में एक उचित पुरस्कार है.
......सेनेका
शनिवार, 20 अगस्त 2011
आज का चिंतन - प्रेम
जैसे शरीर बिना कहे ही अपने अधीन होता है, उसी प्रकार सज्जन लोग भी प्रेमी जनों के वश में रहते हैं.
.......बाणभट्ट
.......बाणभट्ट
शुक्रवार, 19 अगस्त 2011
आज का चिंतन - लालच
इस पृथ्वी पर प्रत्येक की आवश्यकताओं के लिए काफ़ी है, लेकिन उनके लालच के लिए नहीं.
.......महात्मा गांधी
गुरुवार, 18 अगस्त 2011
मंगलवार, 16 अगस्त 2011
आज का चिंतन - आत्मविश्वास
जो मनुष्य आत्मविश्वास से सुरक्षित है वह उन चिंताओं आशंकाओं से मुक्त रहता है, जिनसे दूसरे आदमी दबे रहते हैं.
.....स्वेट मार्डेन
.....स्वेट मार्डेन
रविवार, 14 अगस्त 2011
आज का चिंतन - मुक्ति
जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पडता है.
...विवेकानंद
...विवेकानंद
शनिवार, 13 अगस्त 2011
आज का चिंतन - आत्मविश्वास
आत्मविश्वास, आत्मज्ञान और आत्मसंयम - केवल यही तीन जीवन को परम संपन्न बना देते हैं.
....टेनीसन
....टेनीसन
शुक्रवार, 12 अगस्त 2011
आज का चिंतन - आत्मसम्मान
जिस प्रकार दूसरों के अधिकार की प्रतिष्ठा करना मनुष्य का कर्तव्य है, उसी प्रकार अपने आत्मसम्मान की हिफाज़त करना भी उसका फर्ज है.
..स्पेंसर
..स्पेंसर
गुरुवार, 11 अगस्त 2011
आज का चिंतन - जीवन में उन्नति
केवल वही जीवन में उन्नति करता है, जिसका ह्रदय कोमल और मस्तिष्क तेज होता है और जिसके मन को शान्ति मिलती है.
.....रस्किन
.....रस्किन
बुधवार, 10 अगस्त 2011
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