जीवन अमूल्य है और समय बहुत कम, इसलिए समय को अच्छे कार्य में लगाओ. (संकलित)
बुधवार, 30 नवंबर 2011
मंगलवार, 29 नवंबर 2011
आज का चिंतन
संसार रूपी विष वृक्ष के दो फल अमृत तुल्य हैं - काव्यामृत के रस का आस्वादन और सज्जनों की संगति. (अज्ञात)
सोमवार, 28 नवंबर 2011
आज का चिंतन
योगी व्यक्ति विरक्ति रूपी स्त्री के साथ सुखपूर्वक सोता है. यह पृथ्वी ही उसकी शैय्या है, भुजाएं तकिया, आकाश वितान, पवन पंखा और चन्द्रमा उसका दीपक है.
>>भर्तहरी
>>भर्तहरी
रविवार, 27 नवंबर 2011
आज का चिंतन
सुखी वही है जो सद्गुणी और सदाचारी है. जिसने काम, क्रोध, लोभ और मोह को जीत लिया है, वही अमरत्व को प्राप्त होता है. (संकलित)
शनिवार, 26 नवंबर 2011
शुक्रवार, 25 नवंबर 2011
आज का चिंतन
वही मनुष्य महान है जो भीड़ की प्रशंसा की उपेक्षा कर सकता है और उसकी कृपा से स्वतंत्र रह कर प्रसन्न रहता है.
.........एडीसन
.........एडीसन
गुरुवार, 24 नवंबर 2011
बुधवार, 23 नवंबर 2011
आज का चिंतन
जिसने स्वर्ग-नरक नहीं देखा, उसके लिए यह जानना अच्छा है की कर्म स्वर्ग है और अकर्म नरक. (संकलित)
सोमवार, 21 नवंबर 2011
आज का चिंतन
ईश्वर हमारे साथ है. पुरुषार्थ करने की, काम करने की शक्ति ईश्वर ही हमें प्रदान करता है. इस भावना से प्रेरित होकर जिएंगे तो हमारे जीवन में दिव्यता का अनुभव अवश्य होगा. हमारा कर्म ही हमारी भक्ति बनेगा, उन्नति के लिए साधन बनेगा.
.......रमेश भाई ओझा "भाईजी"
.......रमेश भाई ओझा "भाईजी"
शनिवार, 19 नवंबर 2011
आज का चिंतन
कर्मयोगी अपने लिए कुछ नहीं करता, अपने लिए कुछ भी नहीं चाहता. वह अपना कुछ मानता ही नहीं. इसलिए उसमें कामनाओं का नाश सुगमतापूर्वक हो जाता है और परम उद्देश्य की पूर्ती स्वतः हो जाती है.
........स्वामी विश्वास जी
........स्वामी विश्वास जी
शुक्रवार, 18 नवंबर 2011
आज का चिंतन
"इस शरीर को जीर्ण वस्त्र की भांति उतार फैंकना, इसको छोड़ देना कदाचित श्रेयस्कर हो सकता है. परन्तु मनुष्य की सेवा....वह मैं नहीं छोड़ सकता."
........विवेकानंद
........विवेकानंद
गुरुवार, 17 नवंबर 2011
आज का चिंतन
दो बैर करने वालों के बीच में ऐसी बात न कहें कि यदि वे मित्र बन जाएँ तो तुम्हें लज्जित होना पड़े. (संकलित)
बुधवार, 16 नवंबर 2011
आज का चिंतन
सत्य को किसी भी चीज की आवश्यकता नहीं होती है. वह स्वयं प्रगट होता है.
......महात्मा गांधी
......महात्मा गांधी
मंगलवार, 15 नवंबर 2011
सोमवार, 14 नवंबर 2011
आज का चिंतन
योगी बनने के लिए उपयोगी बनो. जो अपनी उपयोगिता खो देता है वह फेंक दिया जाता है, चाहे व्यक्ति हो, चाहे वस्तु हो. अतः प्रेम के द्वारा अपने प्रभु के लिए, त्याग के द्वारा सबके लिए उपयोगी बनो. (संकलित)
रविवार, 13 नवंबर 2011
शनिवार, 12 नवंबर 2011
आज का चिंतन
जिसने संसार की तमाम वस्तुएं संसार को अर्पित कर दी हैं, वही संसारिक चिंतन से रहित होता है. जड़ वस्तुओं की आसक्ति त्याग कर ही भगवद चिंतन संभव है. (संकलित)
शुक्रवार, 11 नवंबर 2011
गुरुवार, 10 नवंबर 2011
आज का चिंतन
संसार एक यात्रा है और मनुष्य यात्री है. यहाँ पर किसी का विश्राम करना केवल एक धोखा है.
.......सनाई
.......सनाई
बुधवार, 9 नवंबर 2011
आज का चिंतन
परमात्मा से विमुख होकर आत्मा आनंदित नहीं रह सकती. मानव को सुख, शांति और आनंद तभी प्राप्त हो सकता है, जब वह स्वयं को परमात्मा के सान्निध्य में ले जाकर अपनी आत्मा को परमानन्दमय ज्योति में मिला दे. (संकलित)
सोमवार, 7 नवंबर 2011
आज का चिंतन
सामने वाले व्यक्ति में जिस गुण की कमी है, उस सद्गुण का प्रत्यक्ष दर्शन अपने व्यवहार द्वारा करा देना ही उसकी सबसे बड़ी सेवा है.
.......अरुंडेल
रविवार, 6 नवंबर 2011
आज का चिंतन
सुखी परिवार सब एक जैसे होते हैं. लेकिन प्रत्येक दुखी परिवार अपने तरीके से दुखी होता है. (संकलित)
शनिवार, 5 नवंबर 2011
आज का चिंतन
दूसरों को दुःख देने वाले को स्वयं दुखी होना पड़ता है, क्योंकि जो दिया जाता है वही बढ़कर वापिस मिलता है. (संकलित)
शुक्रवार, 4 नवंबर 2011
आज का चिंतन
अगर आपकी आलोचना हो रही है तो अपनी आँखें बंद करें और महसूस करें कि आपको कैसा लग रहा है. उस भावना को सम्मान से स्वीकार करें. आप कम आहत महसूस करेंगे.
.....चेतन भगत
गुरुवार, 3 नवंबर 2011
बुधवार, 2 नवंबर 2011
आज का चिंतन
बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं, उनको किसी भी प्रकार का आकार दे सकते हैं. इसलिए उनको अच्छे संस्कार देने चाहिए, वही कल के भविष्य हैं. (संकलित)
मंगलवार, 1 नवंबर 2011
आज का चिंतन
जो शील का पालन करते हुए ही जीवन बिताता है, वही सच्चे अर्थों में जीता है.
.........पद्म पुराण
.........पद्म पुराण
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