रविवार, 25 सितंबर 2011

आज का चिंतन

" किसी की बात को इस लिए नहीं ग्रहण करो कि मैंने वह कही है. स्वयं परीक्षा करके देखो."
          ......रामकृष्ण परमहंस 

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