सद् वचन
नया दिन, नया विचार
गुरुवार, 8 सितंबर 2011
आज का चिंतन - क्रोध
क्रोध हमारी स्वाभाविक मन स्तिथि नहीं है. अपनी इच्छा के विपरीत जब हमें कुछ होता हुआ दिखता है तो हम क्रोधित हो जाते हैं. हम यह समझने की कोशिश क्यों नहीं करते की हम ईश्वर नहीं हैं, जो सब कुछ हमारी इच्छा से होगा.
1 टिप्पणी:
डॉ. मोनिका शर्मा
8 सितंबर 2011 को 8:59 pm बजे
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