मंगलवार, 27 सितंबर 2011

आज का चिंतन

इस अपार संसार में आज एक, प्रात काल दूसरे तथा अगले दिन अन्य चले जाते है. शोक करने के लिये कौन स्थिर हैं.
      ....अज्ञात 

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