गुरुवार, 27 अक्तूबर 2011

आज का चिंतन

स्वस्थ शरीर आत्मा का अतिथि भवन है ऑर अस्वस्थ शरीर इसका कारागार. (संकलित)

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चिंतन है आपका वीना जी.

    दीपावली व गोवर्धन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.

    आपके सद् वचन का मैं अनुसरण कर रहा हूँ.

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  2. मुझे खुशी है कि मैं 'दश नम्बरी' हो गया हूँ.

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  3. वाह - बहुत सुन्दर बात कही है | राकेश भैया के ब्लॉग से यहाँ आई हूँ, बहुत अच्छा लगा यहाँ आ कर

    धन्यवाद :)

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