शुक्रवार, 24 जून 2011

आज का चिंतन - इबादत

अपना गम ले के कहीं और न जाया जाए,
घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाए.
घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो यूं कर लें,
किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए.
                             .......निदा फाज़ली 

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