शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

आज का चिंतन

संतोषी आदमी को दुःख सुख एक समान होते हैं और दूसरों की आलोचना या प्रशंसा उसे प्रभावित नहीं करती.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें